क्या आपने कभी सोचा है कि एक पूरा जहाज़, जो पूरी तरह से काम कर रहा हो, अचानक अपने चालक दल के बिना बीच समुद्र में कैसे मिल सकता है? 1921 में, एक ऐसा ही रहस्यमय मामला सामने आया जिसने अमेरिका के पूर्वी तट और समुद्री दुनिया को हिलाकर रख दिया। यह कहानी है Carroll A. Deering की, एक पाँच-मस्तूल वाली स्कूनर (Schooner) की, जो उत्तरी कैरोलिना (North Carolina) के केप हेटेरस (Cape Hatteras) के पास, "द ग्रेवयर्ड ऑफ द अटलांटिक" (The Graveyard of the Atlantic) के नाम से मशहूर जगह पर, बिना किसी चालक दल के मिली थी। यह जहाज पूरी तरह से सही सलामत था—नेविगेशन उपकरण मौजूद थे, खाना तैयार था, और ऐसा लग रहा था कि चालक दल बस कुछ मिनट पहले ही वहां से गायब हुआ है। लेकिन वे कहां गए? क्या उन्हें किसी समुद्री राक्षस ने उठा लिया, या यह किसी मानव साजिश का नतीजा था?
यह घटना अपने आप में एक पहेली थी, जिसने बर्मुडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle) के रहस्यों को और भी गहरा कर दिया। Carroll A. Deering की कहानी आज भी इतिहास के पन्नों में एक अनसुलझी गुत्थी बनी हुई है, जिस पर कई सवाल उठते हैं।
इस लेख में, हम इस जहाज की पूरी यात्रा, इसकी खोज और उसके बाद हुई जांच पड़ताल का गहराई से विश्लेषण करेंगे। हम उन सभी संभावित सिद्धांतों पर भी विचार करेंगे जो इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश करते हैं।
जहाज़ का अंतिम सफ़र: कैप्टन मर्फी का रहस्यमय व्यवहार
Carroll A. Deering ने 1920 के अगस्त महीने में नॉरफ़ॉक, वर्जीनिया से अपनी यात्रा शुरू की थी। इसका उद्देश्य कोयले को रियो डी जनेरियो, ब्राजील तक पहुंचाना था। जहाज के कप्तान, विलियम एच. मर्फी, एक अनुभवी नाविक थे, लेकिन इस यात्रा के दौरान उनका व्यवहार रहस्यमय और असामान्य बताया गया। उन्होंने अपने चालक दल को लेकर कई चिंताएं जाहिर की थीं और कुछ सदस्यों को संदेह की नजर से देखते थे।
जब जहाज रियो पहुंचा, तो मर्फी बीमार हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उनकी जगह डब्ल्यू. बी. वर्मैल को नया कप्तान नियुक्त किया गया। रियो से वापस आने के दौरान, वर्मैल ने अपने चालक दल में कई बदलाव किए, जिससे बाद में जांच अधिकारियों को काफी हैरानी हुई। जहाज को 2 दिसंबर, 1920 को वापस नॉरफ़ॉक के लिए रवाना होना था, लेकिन एक तूफ़ान के कारण उन्हें देरी हुई।
यह देरी और कैप्टन मर्फी का बीमार होना, यह सब बाद में जांच के दौरान संदेह के घेरे में आ गए। सवाल यह था कि क्या यह सिर्फ संयोग था या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था?
अंतिम बार देखा जाना: लाइटशिप के पास एक रहस्यमय संदेश
Carroll A. Deering को आखिरी बार 28 जनवरी, 1921 को कैप्टन टी.जे. थॉमस द्वारा एक लाइटशिप (Lightship) के पास देखा गया था। थॉमस ने बताया कि जहाज पर एक लाल बालों वाला आदमी था, जिसने उन्हें बताया कि जहाज के लंगर टूट गए थे और वे आगे नहीं जा पा रहे थे। इस आदमी ने थॉमस से अनुरोध किया कि वे नॉरफ़ॉक में कंपनी को इस बारे में सूचित करें।
यह संदेश बहुत अजीब था क्योंकि उस समय मौसम बहुत शांत था और लंगर के टूटने की संभावना कम थी। इसके अलावा, जहाज के डेक पर चालक दल का कोई और सदस्य नहीं दिख रहा था, जो कि असामान्य था। कुछ दिनों बाद, जब जहाज कंपनी को थॉमस का संदेश मिला, तो उन्होंने तुरंत नौसेना और तटरक्षक बल को सूचित किया।
इसके बाद, 30 जनवरी, 1921 को, एक और जहाज, एस.एस. हेफनर (S.S. Heffner), ने भी Carroll A. Deering को केप लुकआउट (Cape Lookout) के पास देखा। इस बार भी जहाज अजीबोगरीब तरीके से हवा में डोल रहा था और डेक पर कोई नहीं था।
इन दोनों मुलाकातों ने जांचकर्ताओं को और भी उलझा दिया, क्योंकि हर बार जहाज को एक अलग स्थिति में देखा गया था, लेकिन चालक दल का कोई भी सदस्य दिखाई नहीं दिया था।
तलाश और खोज: जहाज का रहस्यमय मिलना
कई दिनों की खोज के बाद, 31 जनवरी, 1921 को तटरक्षक बल को उत्तरी कैरोलिना के तट से दूर, डायमंड शोल (Diamond Shoal) के पास, Carroll A. Deering मिला। जब वे जहाज पर गए, तो उन्होंने एक चौंकाने वाला दृश्य देखा।
जहाज पूरी तरह से सही सलामत था। नेविगेशन उपकरण, जैसे कि सेक्स्टैंट और कंपास, अपनी जगह पर थे। जहाज की रसोई में खाना तैयार था, और ऐसा लग रहा था कि चालक दल ने अचानक अपनी जगह छोड़ दी हो। लेकिन सबसे रहस्यमयी बात यह थी कि जहाज के जीवन रक्षक नौकाएं (lifeboats) गायब थीं।
यह एक बहुत बड़ा संकेत था कि चालक दल ने जानबूझकर जहाज को छोड़ा था। लेकिन क्यों? और वे कहाँ गए?
जांच और अटकलें: क्या हुआ था चालक दल के साथ?
Carroll A. Deering की जांच में कई सरकारी एजेंसियां शामिल थीं, जिनमें यूएस डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स और यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट शामिल थे। उन्होंने चालक दल के सदस्यों और उनके परिवारों से पूछताछ की।
जांचकर्ताओं ने कई सिद्धांतों पर विचार किया:
बर्मुडा ट्रायंगल: यह सबसे लोकप्रिय सिद्धांत था। कई लोगों का मानना था कि जहाज बर्मुडा ट्रायंगल के रहस्यमय शक्तियों का शिकार हो गया था।
समुद्री डकैती: कुछ लोगों का मानना था कि जहाज को समुद्री डाकुओं ने लूट लिया था।
विद्रोह: एक और सिद्धांत यह था कि चालक दल ने कप्तान के खिलाफ विद्रोह किया था और फिर जहाज को छोड़ दिया था।
तूफान: हालाँकि मौसम शांत था, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि जहाज एक अचानक आए तूफान का शिकार हो सकता है।
जांच में कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला, और यह मामला आखिरकार अनसुलझा रह गया। आज भी, Carroll A. Deering की कहानी समुद्री रहस्यों के सबसे बड़े और सबसे पेचीदा मामलों में से एक है।
जनता के लिए एक सवाल: अगर आप 1921 के उस जहाज पर होते और आपको अचानक जहाज खाली मिलता, तो आपका पहला कदम क्या होता और आप इस रहस्य को सुलझाने के लिए क्या करते?

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